बी चंद्रकला ने पोता चमेली का तेल, ईडी में मनी-लांड्रिंग का मामला दर्ज

बिटिया खबर
: अवैध खनन और मनी-लॉंड्रिंग के मामलों में नामजद चंद्रकला ने छापामारी को चुनावी स्‍टंट करार दिया : 24 जनवरी को लखनऊ में पूछतांछ करेगा प्रवर्तन निदेशालय : डिस्‍टेंस एजूकेशन के तहत अर्थशास्‍त्र की डिग्री हासिल कर चुकी है यह अधिकारी :

कुमार सौवीर

लखनऊ : डिस्‍टेंस एजूकेशन के माध्‍यम से अर्थशास्‍त्र विषय से डिग्री हासिल कर चुकीं चर्चित महिला आईएएस बी चंद्रकला पर अब मनी लांड्रिंग का मामला भी दर्ज हो गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध खनन और आर्थिक घोटालों समेत कई मामलों पर चल रही मामलों की जांच-रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए बी चंद्रकला पर यह मामला दर्ज किया है। इस मामले में चंद्रकला को अब पूछतांछ के लिए लखनऊ बुलाया गया है। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई इस घोटाले की जांच कर रही है। चंद्रकला फिलहाल अध्‍ययन अवकाश पर हैं। उधर आपको बता दें कि अपने पर चल रही इस कार्रवाइयों को बी चंद्रकला ने एक चुनावी स्‍टंट करार दिया है। उन्‍होंने कहा है कि जीवन के रंग को क्यों फीका किया जाए।
हमीरपुर में 2012 से 2016 के बीच हुए अवैध खनन के मामले में सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट समेत कई अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में हमीरपुर की तत्कालीन जिलाधिकारी बी. चंद्रकला समेत उन सभी 11 लोगों को नामजद किया गया है जिनके नाम सीबीआई की एफआईआर में थे। एजेंसी ने आइएएस अधिकारी बी. चंद्रकला, खनिक आदिल खान, भूवैज्ञानिक/खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता रमेश कुमार मिश्रा, उनके भाई दिनेश कुमार मिश्रा, राम आश्रय प्रजापति, हमीरपुर के खनन विभाग के पूर्व क्लर्क संजय दीक्षित, उनके पिता सत्यदेव दीक्षित और रामअवतार सिंह के नाम प्राथमिकी में शामिल हैं। आपको बता दें कि संजय दीक्षित ने 2017 विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर लड़ा था।
उत्तर प्रदेश में अवैध खनन मामले की जांच कर रही सीबीआई के शिकंजे में आईएएस बी चंद्रकला भी आई हैं। उनके ठिकानों पर पिछले हफ्ते सीबीआई ने छापेमारी की थी। इसी बीच चंद्रकला ने अपने लिंक्डइन अकाउंट पर कविता पोस्ट की है और सीबीआई छापे में चुनावी छापा बताया था। उन्‍होंने अपनी कई पोस्‍ट में लोगों से अपील की थी कि वे सीबीआई के छापों पर न घबरायें और न ही कोई दीगर राय ही बनायें। उनका कहना था कि यह चुनावी छापामारी है। लेकिन इस कविता-प्रदर्शन के तत्‍काल बाद ही प्रवर्तन निदेशालय ने चंद्रकला को अवैध खनन और मनी लॉंड्रिंग आदि कई मामलों में नामजद करते हुए उन पर मुकदमा दर्ज कर लिया। जाहिर है कि चंद्रकला की यह कला उनकी कविता की कलाओं पर तनिक भी असरकारी नहीं साबित हो पायी।
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई इस घोटाले की जांच कर रही है। सीबीआई की ओर से दर्ज किए गए मुकदमे के आधार पर ही ईडी ने प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इसमें ईडी यह पता लगाने का प्रयास करेगा कि भ्रष्टाचार के जरिए हासिल धन को कहां छिपाया गया। उसे कहीं विदेशों में ले जाकर निवेश तो नहीं किया गया? गौरतलब है कि बी चंद्रकला डिस्‍टेंस एजूकेशन के माध्‍यम से अर्थशास्‍त्र विषय से डिग्री हासिल कर चुकीं हैं। बहरहाल, खबर है कि ईडी की जांच का दायरा घोटाले की अवधि में तत्कालीन सपा सरकार में खनन मंत्री रहे नेताओं तक भी पहुंच सकता है। इस दौरान खनन मंत्री की जिम्मेदारी कुछ महीनों तक तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास और उसके बाद ज्यादा समय तक गायत्री प्रसाद प्रजापति के पास रही।
इससे पहले अपनी प्रारंभिक जांच के निष्कर्षों के आधार पर सीबीआई ने जनवरी माह के पहले हफ्ते में ही 2008 बैच की आईएएस बी. चंद्रकला, हमीरपुर के तत्कालीन खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, हमीरपुर के तत्कालीन खनन लिपिक राम आश्रय प्रजापति, खनन के लीज होल्डर एवं हमीरपुर के मौदहा निवासी रमेश मिश्र व दिनेश मिश्र, खनन के लीज होल्डर एवं हमीरपुर के कमोखर निवासी अंबिका तिवारी, खनन लीज होल्डर एवं हमीरपुर के सफीगंज निवासी संजय दीक्षित व सत्यदेव दीक्षित, खनन लीज होल्डर जालौन जिले के पिडारी निवासी राम अवतार सिंह, खनन लीज होल्डर जालौन जिले के गणेशगंज निवासी करन सिंह तथा लखनऊ व दिल्ली दोनों स्थानों के निवासी अवैध खनन से जुड़े आदिल खान को नामजद करते हुए अन्य अज्ञात निजी एवं सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इन सभी के विरुद्ध आईपीसी की धारा 120बी, 379, 384, 420 व 511 के अलावा एंटी करप्शन एक्ट की धारा 13 (2) व 13 (1) (डी) लगाई गई है।
नामजद अभियुक्तों में शामिल रमेश मिश्र सपा के एमएलसी हैं, जबकि संजय दीक्षित हमीरपुर के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और बसपा से विधानसा का चुनाव लड़ चुके हैं। मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई ने पांच जनवरी 2019 को सभी अभियुक्तों के यहां छापेमारी भी थी। सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम आईएएस चंद्रकला के लखनऊ में हैवलॅक रोड स्थित सफायर कोर्ट अपार्टमेंट के फ़्लैट में गई थी। इसी तरह अलग-अलग टीमें अन्य अभियुक्तों के ठिकानों पर गई थीं।

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