: जागरण के विज्ञापन-प्रभारी की पिटाई को पत्रकार संघ ने अपना मुद्दा बनाया : टेनीमार-महामंत्री ने दो दिन बाद अपनी अंगड़ाई तोड़ी, निंदा कर मांगी कड़ी कार्रवाई : जारी बयान में जागरण के प्रभारी का नाम ही नदारत : संघ या संगठनों के लिए कुमार सौवीर जी जैसा जिगरबाज नेतृत्व व सदस्यों की टीम जरूरी :
कुमार सौवीर
जौनपुर : यहां कार्यरत अनेक पत्रकार संघों में से एक संघ ने आज कमाल ही कर दिया। इस संघ के महामंत्री ने अचानक वाट्सऐप समूहों पर एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया था कि संघ की बैठक हुई है। बैठक में बताया गया कि दैनिक जागरण में कार्यरत विज्ञापन के जिला प्रभारी की जमकर पिटाई हुई है, इसकी निन्दा की गयी है, और कप्तान से कड़ी कार्रवाई की मांग की गयी है संघ की ओर से।
बस, इसी पर हंगामा खड़ा हो गया है जौनपुर पत्रकार संघ के सदस्यों में। वजह दो रही। एक तो अगर कोई बैठक हुई तो उसकी पूर्व सूचना सभी सदस्यों को क्यों नहीं दी गयी। और दूसरा ऐतराज इस बात पर रहा कि यह मामला चूंकि विज्ञापन प्रतिनिधि का है, ऐसी हालत में उस पर पत्रकार संघ ने क्यों हस्तक्षेप किया। और सबसे हैरत की बात तो यह रही कि जिस अखबार के विज्ञापन प्रतिनिधि का मामला इस बैठक में उठाया गया बताया जा रहा है, उस अखबार के किसी भी प्रतिनिधि या रिपोर्टर या ब्यूरो प्रमुख ने इस बैठक में शिरकत ही नहीं की। लेकिन अमर उजाला और हिन्दुस्तान के ब्यूरो प्रमुख समेत कुछ अन्य अखबार के ब्यूरो प्रमुख इस कथित बैठक में शामिल बताये गये।
खबर अब विस्तार से सुन लीजिए। संघ के महामंत्री मधुकर तिवारी ने आज सभी ग्रुपो में एक सूचना पोस्ट की थी, जो पुरानी थी। सूचना के अनुसार, पत्रकार के ऊपर हमले पर संघ ने आक्रोश जताया था।
जौनपुर पत्रकार संघ ने दैनिक जागरण के जिला विज्ञापन प्रभारी शीतला प्रसाद मौर्य पर हमले की निंदा कर आक्रोश व्यक्त किया है। संघ ने दोषियों के विरुद्ध शीघ्र कार्यवाही की मांग किया है।
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इस सम्बंध में आयोजित संघ की बैठक अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि कतिपय अराजक तत्वों ने रविवार की रात को श्री मौर्य को लाठी डंडे और लोहे के रॉड मारपीट कर घायल कर दिया था। पुलिस ने अभी तक घटना के दोषियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही किया। जिससे पत्रकारों में आक्रोश है। बैठक का संचालन महामंत्री डॉ मधुकर तिवारी ने किया। बैठक में मौजूद सभी पत्रकारों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए एसपी से मांग किया कि घटना को गंभीरता से लेकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करें।
हालांकि इस बयान के अनुसार बैठक में लिखा गया है कि इस घटना की संघ के तरफ़ से राजेंद्र सिंह, विनोद तिवारी, कपिलदेव मौर्य, लोलारक दुबे, शशिमोहन सिंह, मनोज वत्स, अखिलेश अकेला, शम्भू सिंह, राकेशकान्त पांडेय, मनोज उपाध्याय, सुशील स्वामी, वीरेंद्र सिंह वीरेंद्र पाण्डे, आदि लोगो ने घटना की कड़ी निंदा की। लेकिन इन पत्रकारों में वाकई ऐसी किसी कथित बैठक में शिरकत की थी, यह संशय बना ही है। वजह यह कि जब कोई संघ अपने पत्रकार सदस्यों तक को न्याय नहीं दिला पा रहा है, ऐसी में वह विज्ञापन प्रतिनिधि के मामले में क्यों हस्तक्षेप करेगा।
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बहरहाल, इसी पर संघ नेतृत्व और मधुकर तिवारी की खिंचाई शुरू हो गयी। सवाल उठने लगे कि आखिर जब मामला रविवार का था तो संघ की बैठक मंगलवार को क्यों हुई। औपचारिकताएं पूर्ण की गई है, अब इसके लिए दिन सोमवार हो मंगलवार क्या फर्क पड़ता है। सब जानते है कौन संघ या संगठन मुसीबत में उससे जुड़े व्यक्तियों/लोगों का कितना साथ देता है। इसीलिए पत्रकारिता को one man army कहा गया है। यहाँ कोई किसी का साथ देता नही है।आप देश/प्रदेश/जिला किसी स्तर पर देख लीजिए। तमाम संघ या संगठन महज पदप्राप्ति एवं भौकाल के लिए बने/बनाये जाते है , जिनका उद्देश्य महज कागजों पर निहित रहता है लेकिन वास्तविकता कुछ और ही रहती है।
पत्रकार जगेंद्र को जिंदा जला दिया गया। देश/प्रदेश/जिले के कितने संघ/संगठन उंसके लिए लड़े या लड़ रहे है❓ सिर्फ 1 दिन ज्ञापन दे देने और मीटिंग दिखाकर निंदा करने से कुछ होता नही है। ऐसे संघ या संगठनों के लिए कुमार सौवीर जी जैसा जिगरबाज नेतृत्व व सदस्यों की टीम चाहिए। तभी उद्देश्य पूर्ति की कल्पना की जा सकती है अन्यथा नही।
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