कब्र की लाश ने बयान किया बच्‍ची के कत्‍ल का हादसा हादसा

सैड सांग

अपनों ही लूटी इज्जत और फिर मार डाला

बताया कि बलात्कार के बाद हुई थी हत्या

नौकर के साथ फूफा ने किया दुराचार

बुआ की मौत के बाद फूफा फिर ले आये थे बच्चियां

शिकायत के बाद भी पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

हादसे ने खोल दी पुलिस की निष्क्रियता की कलई

अपनी बच्ची के साथ हादसे को लेकर दरदर भटका बाप

पहले तो अपनी बेटी की तरह अपने साले की बेटी को आठ साल तक पालापोसा, लेकिन जब वह जवान हुई तो नौकर के साथ मिल कर पहले तो बलात्कार किया फिर सबूत मिटाने के लिए उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गयी। पुलिस से मिल कर लाश को दफना दिया पिता ने अधिकारियो के देहरी पर मिन्नतें कीं, तब जाकर कहीं पुलिस ने 22 दिनों के वाद शव को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम कराया। डाक्टरी जांच में पता चला है कि उस बच्ची की गला घोंटकर हत्या की गयी थी। इस हौलनाक वारदात के बाद पूरे शाहजहांपुर में सनसनी फैल गयी है।

मिली खबरों के मुताबिक बनारस के रहने वाले अब्दुल रहीम ने अपनी बहन की शादी शाहजहांपुर में डॉक्टर एमए कुरेशी के साथ की थी। रहीम की बहन साजिया बेगम के जब कोई सन्तान नहीं हुई तो वह अपने भाई अब्दुल रहीम की दो बेटियों शन्नो व गुडिया को अपने साथ बनारस से शाहजहांपुर ले आई। कुछ बरस पहले साजिया बेगम की भी मौत हो गई। तो अब्दुल रहीम अपनी बेटियों को अपने साथ बनारस वापस ले गये।

कुछ समय बाद उनके बहनोई डॉक्टऱ एम ए कुरेशी अब्दुल बनारस पहुंचे और अब्दुल रहीम से बोले कि मेरी बीवी तो अब रही नहीं, लेकिन शन्नो और गुडिया को साजिया बेगम अपनी बेटी के तौर पर ही देखती थीं। इसीलिए उन्हें बनारस से अपने पास शाहजहांपुर ले आयी थीं। ऐसे में अब पत्नी के न रहने पर शन्नो और गुडिया को उनके साथ शाहजहांपुर भेज दिया जाए, वे उन्हें अपनी बेटी के तौर पर पालनाःपोसना चाहते हैं। अपने बहनोई डॉक्टर कुरेशी की बात सुनकर रहीम की आंखें भीग गयीं और उन्होंने अपनी दोनो बेटियों को एक बार फिर डॉक्टर कुरेशी के साथ शाहजहांपुर भेज दिया।

इसी बरस पिछली 2 अप्रेल को शन्नो की मौत हो गई। इसकी सूचना डा़क्टर कुरेशी ने बनारस स्थित अपनी ससुराल को दे दी और इसके पहले कि बनारस से लोग शाहजहांपुर पहुंच पाते, आननःफानन शन्नो की लाश को दफना दिया। लेकिन जानकारों के अनुसार शन्नो की लाश को पहले ही दफन कर दिया गया था और उसके अंतिम संस्कार के बाद ही बनारस खबर भेजी गयी। बहरहाल, अब्दुल रहीम जब शाहजहांपुर पहंुचे तो उन्हें डॉक्टर कुरेशी ने बताया कि शन्नो की तबियत अचानक खराब हो गयी थी और उसका पूरा इलाज कराया गया था। लेकिन जब तक इलाज शुरू होता, उसका इंतकाल हो गया। चूंकि मौसम गर्म था और लाश को ज्यादा देर तक रखना उचित नहीं था, इसलिए उसे सुपुर्देखाक करा दिया गया।

शन्नो के पिता अब्दुल रहीम अपनी बेटी की मौत के गम में डूब गये। और वापस बनारस लौट आये। उधर बनारस पहुंचने के कुछ दिन बाद उन्हें अचानक किसी ने गुपचुप खबर दी कि उनकी बच्ची की मौत बीमारी से नहीं हुई थी, बल्कि डॉक्टर कुरेशी की नीयत में ही खोट था। उन्होंने अपनी दूसरी बेटी गुडिया से पूछा तो उसने भी बताया कि डॉक्टर कुरेशी की बुरी नजर शन्नो पर रहती थी।

यह खबर पाकर अब्दुल रहीम फिर शाहजहांपुर पहुंचे और पूरे मामले की तहकीकात की, तो रोंगटे खडे हो गये। डॉक्टर कुरेशी के मोहल्ले के कई लोगों ने उन्हें बताया कि कुरेशी की नीयत में ही खोट था और वह बच्ची सहमी रहती थी। उन्हें यह भी पता चला कि शन्नो के साथ शायद करेशी ने जिस्मानी सम्बन्ध भी कायम कर लिए थे। एक महिला ने तो बाकायदा इसकी पुष्टि भी की कि शन्नो ने उसे इस बारे में बताया भी था।

इस सूचना के बाद अब्दुल रहीम ने अपने बहनाई डॉक्टर एमए कुरेशी पर अपनी बेटी के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करायी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई करने के बजाय मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया। और तो और पुलिस ने शन्नो का पोस्टमार्टम तक कराना उचित नहीं समझा। बताते हैं कि पुलिसवालों ने रहीम से कहा कि बेटी तो चली गयी, अब उसकी लाश की छीछालेदर क्यूं कराना चाहते हो। लाचार रहीम ने लखनउफ में पुलिस और शासन स्तर के बडे अफसरों से गुहार लगायी।

बडे अफसरों ने हस्तक्षेप किया तो 24 अप्रैल को 22 दिन के बाद पुलिस ने अचानक शन्नो के शव को कब्र से खुदवाया और उसका पोस्टमार्टम कराया। शाहजहांपुर के अपर पुलिस अधीक्षक दयाराम सरोज के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शन्नो की गला दबाकर हत्या किये जाने की पुष्टि हुई है। उनका कहना है कि हालांकि तीन हफतों तक जमीन में दफन रहने के बाद शन्नो की बच्चेदानी सड चुकी थी, इसलिए कोई खास सुबूत नहीं मिला, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने डॉक्टर कुरेशी गिरफतार कर उस पर बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।

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