अब बेहूदा आरोपों की धार छोड़ रहे हैं तहलका के तरूण
नई दिल्ली : साथी पत्रकार पर दो-दो बार यौन हमले के मुख्य आरोपी तरुण तेजपाल पहले भले ही इस घटना पर माफीनामा लिख चुके हों लेकिन कोर्ट में अपनी जमानत के लिए दायर याचिका में उन्होंने उलटे पीड़ित लड़की पर ही सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर वाकई उसके साथ इतनी बुरी घटना हुई तो उसके बाद वो सामान्य व्यवहार क्यों करती रही।
दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत की अग्रिम अर्जी में तेजपाल ने लिखा कि 7 नवंबर को महिला पत्रकार के साथ हुई घटना हल्का फुल्का हंसी मजाक थी, जिसमें दो लोग थोड़ा बहक गए थे। इस हकीकत को होटल के सीसीटीवी फुटेज के जरिए सत्यापित किया जा सकता है। 8 नवंबर को भी हम मिले, कुछ देर अकेले भी रहे लेकिन हमारे बीच कोई अंतरंग पल नहीं आए। इसके बाद हमारी कोई बातचीत नहीं हुई लेकिन वो सामान्य तौर पर थिंक फेस्ट से जुड़ी पार्टी में शामिल हुई। सबके साथ उसका व्यवहार सामान्य और दोस्ताना रहा।
तेजपाल ने लिखा कि लड़की ने उस रात रेमो फर्नांडिस का शो भी अटेंड किया जो देर रात तक चला। पूरे थिंक फेस्ट के दौरान कहीं गुपचुप अंदाज में भी ऐसी किसी घटना का जिक्र तक नहीं हुआ। इन तमाम कार्यक्रमों की सीसीटीवी फुटेज, फोटोग्राफ और दूसरे दस्तावेजों से भी ये साबित होता है कि पीड़िता पूरी तरह सामान्य थी और उसके साथ कुछ गलत नहीं हुआ था।
तरुण तेजपाल ने दावा किया कि जब शोमा चौधरी के जरिए उन्हें लड़की की यौन शोषण की झूठी शिकायत का पता चला तो वो हैरान रह गए। दिल्ली हाईकोर्ट में दी गई अग्रिम जमानत की अर्जी में तेजपाल ने आरोप लगाया कि एक पार्टी के इशारे पर गोवा सरकार उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश रच रही है। गोवा में दर्ज एफआईआर राजनीति से प्रेरित है और गोवा के मुख्यमंत्री बेवजह मामले में दखल देकर जांच को प्रभावित कर रहे हैं। लिहाजा केस की जांच सीबीआई को दी जाए। उधर पीड़ित लड़की का बयान भी गोवा पुलिस ने दर्ज कर लिया है। पीड़िता ने अपने बयान में वही बातें दोहराई हैं जो उसने शोमा चौधरी को लिखे मेल में कही थीं।
गोवा पुलिस के डीआईजी ओ पी मिश्रा ने बताया कि जांच अधिकारी ने पीड़िता से सोमवार को मुलाकात की थी। आज जांच अधिकारी पीड़िता से बात कर रहे हैं। पीड़िता पूरा सहयोग दे रही है। लेकिन उसके बयान पर आपको कुछ नहीं बताऊंगा क्योंकि इससे केस पर फर्क पड़ सकता है। जांच अधिकारियों ने तेजपाल के खिलाफ अलर्ट जारी कर दिया है, ताकि वो देश नहीं छोड़ सकें। ये ऐहतियातन उठाया गया एक कदम है। मीडिया से गुजारिश है कि जांच की कवरेज को लेकर पहले की तरह संयम बरते।