तरूण तेजपाल फरार, अलर्ट नोटिस जारी

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इमीग्रेशन सेंटर्स पर नोटिस, इमिग्रेशन चेकपोस्ट एलर्ट

नई दिल्ली : अपनी सहकर्मी महिला पत्रकार से रेप की कोशिश के आरोप में घिरे तहलका के एडिटर-इन-चीफ तरुण तेजपाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। गोवा पुलिस ने मंगलवार को तेजपाल के खिलाफ ‘इमिग्रेशन चेकपोस्ट अलर्ट’ जारी किया ताकि वह देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकें।

इससे पहले मंगलवार को ही तेजपाल को दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अब इस मामले की सुनवाई गोवा पुलिस का जवाब मिलने के बाद बुधवार को होगी। इस बीच, तहलका से एक और पत्रकार राणा अयूब ने भी इस्तीफा दे दिया है। अब तक कुल 6 पत्रकार तहलका से खुद को अलग कर चुके हैं।

उधर, गोवा पुलिस की टीम ने मंगलवार को मुंबई में पीड़ित पत्रकार का बयान दर्ज कर लिया। दूसरी तरफ, उर्वशी बुटालिया ने यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच के लिए तहलका की ओर से बनाई गई आंतरिक शिकायत समिति की अध्यक्षता करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अब इसकी जरूरत नहीं है, क्योंकि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

मंगलवार को कोर्ट में तरुण तेजपाल के वकील केटीएस तुलसी और गीता लुथरा ने कहा कि उनके मुवक्किल देश के सम्मानित नागरिक हैं और वह देश छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे, लिहाजा उन्हें कल तक किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की जाए। गोवा पुलिस के वकील ने कहा कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मैं इसका विरोध कर रहा हूं। उन्होंने साथ ही कहा कि आरोपी पत्रकार की याचिका की कॉपी उन्हें नहीं दी गई है।

इसके बाद जस्टिस सुनीता गुप्ता ने कहा कि गोवा पुलिस के वकील को अपना जवाब दाखिल करने, यदि कोई है तो, को कहा और तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई निर्धारित की। गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार करते हुए जस्टिस गुप्ता ने कहा, ‘मेरे पास पुलिस एफआईआर की कॉपी तक नहीं है। गोवा पुलिस को अपना जवाब दाखिल करने दीजिए, उसके बाद मैं देखूंगी।’ दिल्ली पुलिस ने भी तेजपाल को किसी प्रकार की ट्रांजिट बेल देने की अपील का विरोध किया।

तुलसी ने कहा, ‘यह एक राजनीतिक लड़ाई बन चुकी है। यह मामला धारा 354 ( किसी महिला की गरिमा को आहत करना) का है और इसे धारा 376 (बलात्कार) का मामला बना दिया गया है। यहां तक कि लड़की ने पुलिस को कोई बयान नहीं दिया है।’

तेजपाल ने अग्रिम जमानत याचिका में अपने खिलाफ बीजेपी पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसमें उन्होंने कहा है, ‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर इस मामले की जांच की निगरानी निजी तौर पर कर रहे हैं और जांच अधिकारियों को मौखिक निर्देश दे रहे हैं। इसलिए, इसकी जांच गोवा पुलिस के बजाय सीबीआई या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए।’

उन्होंने कहा, ‘महिला की शिकायत झूठी, प्रेरित और सोच-समझकर बदनाम करने के इरादे से दर्ज कराई गई है। 7 नवंबर को जो कुछ हुआ वह हंसी−मजाक में हुआ। यह एकांत में दो लोगों के बीच दिल्लगी का लम्हा था।’ नवभारत टाइम्स

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