झूठी खबरें प्‍लांट करने में हिन्‍दुस्‍तान था माहिर, अब अमर उजाला भी शामिल

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: लाखों परीक्षार्थियों का दिल धक्‍क रह गया होगा इन अखबारों की करतूतों से : प्रान्‍तीय सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं को आचार-संहिता के झूठे तर्क से गजब भ्रम फैला दिया गया : यूपीपीएससी का कहना है कि चुनाव आचार-संहिता से कोई भी लेना-देना नहीं है चयन-प्रक्रिया का :

कुमार सौवीर

लखनऊ : इलाहाबाद में उप्र का प्रान्‍तीय सेवा चयन आयोग (यूपीपीएससी) का मुख्‍यालय है, जो पूरे प्रदेश में होने वाली उच्‍चतर सरकारी नौकरी के लिए भर्तियां भरता है। अमूमन दो से ढाई लाख अभ्‍यर्थी इस आयोग द्वारा आयोजित चयन प्रक्रिया के माध्‍यम से परीक्षाओं में शामिल होते हैं। लेकिन इन लाखों युवा परीक्षार्थियों को तब जबर्दस्‍त धक्‍का पहुंचा, जब कतिपय अखबारों में यह खबर प्रकाशित हो गयी कि आयोग की परीक्षा की प्रक्रिया में चुनाव आयोग द्वारा लागू की गयी आचार-संहिता की तलवार गिर पड़ी है।

जबकि हकीकत यह है कि यह खबर सिरे से ही निराधार थी, रिपोर्टर की कल्‍पनाओं का परिणाम थी, धरातल से उसका कोई भी लेना-देना नहीं था। मगर ऐसी खबर छाप कर इन अखबारों के रिपोर्टरों ने अपनी दिहाड़ी तो पक्‍की-नक्‍की कर डाली, लेकिन इन खबरों के छपने से लाखों अभ्‍यर्थियों के मन में भारी हताशा जरूर उत्‍पन्‍न हो गयी।

यह कमाल किया है हिन्‍दुस्‍तान और अमर उजाला नामक दो प्रमुख राष्‍ट्रीय समाचार-पत्रों ने। आपको यह बता दें कि इनमें से हिन्‍दुस्‍तान अखबार तो इसके पहले भी फर्जी खबरें प्रकाशित करने में महिर और कुख्‍यात माना जाता रहा है, लेकिन खबरों के इस फर्जी-वाड़ा में इस बार अमर उजाला जैसा प्रतिष्ठित अखबार भी शामिल हो गया।

आपको बता दें कि यूपीपीएसएसी के माध्‍यम से उप्र की प्रान्‍तीय प्रशासनिक सेवा समेत अन्‍य प्रमुख पदों की भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। जबकि केंद्रीय लोक सेवा आयोग आईएएस और अन्‍य उच्‍चतर केंद्रीय सेवाओं के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करता है।

पिछले कई बरसों से यह मांग उठती रही है कि चूंकि इन दोनों आयोगों की परीक्षा का पैटर्न अलग-अलग के बजाय एक-समान ही किया जाए। क्‍योंकि अलग-अलग पैटर्न होने के चलते विभिन्‍न परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे युवाओं के लिए गम्‍भीर संकट उत्‍पन्‍न हो जाता है। इस समस्‍या का निराकरण करने के लिए विभिन्‍न राज्‍यों के भर्ती आयोगों ने अपनी परीक्षाओं के पैटर्न को केंद्रीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा के अनुसार ही बदल दिया है।

लेकिन उप्र इस मामले में फिसड्डी ही साबित हुआ। हालांकि कुछ वक्‍त पहले आयोग ने इस मामले में उप्र सरकार को एक प्रस्‍ताव भेज दिया था। आयोग इस वक्‍त यूपी सरकार के फैसले की प्रतीक्षा कर रहा है।

मगर इसी बीच केंद्रीय चुनाव आयोग ने यूपी समेत अनेक राज्‍यों में चुनाव की तारीखें जारी करते हुए उन राज्‍यों में चुनाव आचार संहिता लागू कर दी।

फिर क्‍या था। केवल अपनी कल्‍पनाओं के घोड़े दौड़ा कर काल्‍पनिक खबरें गढने-रचने में माहिर पत्रकारों की पौ-बारह हो गयी। प्रमुख न्‍यूज पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम को ऐसे अनेक परीक्षार्थियों ने सम्‍पर्क कर बताया कि इन ऐसी अफवाहों की शुरूआत हुई इलाहाबाद से, जहां हिन्‍दुस्‍तान और अमर उजाला के वरिष्‍ठ संवाददाताओं ने अपने मन से यह खबर फ्लैश कर दिया कि आचार संहिता लागू होने के चलते अब यूपीपीएसएसी की समान पैटर्न की परीक्षा का मामला स्‍थगित हो गया है। जाहिर है कि यह खबर लाखों परीक्षार्थियों के भविष्‍य से सीधे जुड़ी हुई थी और वे इसकी लगातार प्रतीक्षा कर रहे थे। उनमें से ऐसे परीक्षार्थियों की संख्‍या भी खासी ज्‍यादा थी, जो इस बार अंतिम बार परीक्षा देने जा रहे थे। लेकिन इन अखबारों की खबरों ने उनकी सम्‍भावनाओं पर तुषारापात कर दिया।

इस बारे में यूपीपीएससी के अध्‍यक्ष और सचिव से कई-कई बार सम्‍पर्क करने के बावजूद उनसे बातचीत नहीं हो पायी। लेकिन आयोग के सूत्रों ने इन अखबारों में छपी इन खबरों को केवल अफवाह ही बताया है। उप्र शासन में भी इस मामले को देख रहे एक जिम्‍मेदार अधिकारी ने www.meribitiya.com संवाददाता को सम्‍पर्क करने पर बताया कि चुनाव आचार संहिता से चयन-आयोग की परीक्षाओं से कोई भी लेना-देना नहीं है। हिन्‍दुस्‍तान और अमर उजाला में इस खबर को लेकर जब उनका पक्ष जानने के लिए www.meribitiya.com संवाददाता ने फोन किया गया, तो हर बार उनसे सम्‍पर्क नहीं हो सका।

खैर, इस बारे में www.meribitiya.com लगातार आपको अधिकतम जानकारियां देता रहेगा।

फिलहाल, आप लोग इन दोनों अखबारों में छपी खबरों का मुजायका लेकर उन्‍हें लानत भेजते रहिये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *