मर्द की औकात तो उसके घर की नेमप्‍लेट तक है। उसके बाहर …

: आप कभी मिले हैं अमृतलाल नागर जी से ? आइये, उनसे मिलिए : प्रो अरुण कुमार सिंह को सब कुछ मुंहजुबानी याद है, जैसे नागर जी : मेधा के साथ याददाश्‍त का बेमिसाल मिश्रण हैं प्रो सिंह : गृह-लक्ष्‍मी का नाम लिखने तक में हेठी समझते हैं अधिकांश पुरुष : नागर जी को भांग […]

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पत्रकारों का देवासुर-संग्राम आज। लड़ाई “सहगल” और “शलभ” में

: द्वापर की ही तरह है सत्‍य का युद्ध असत्‍य के साथ। कौन किससे मुंह की खायेगा : नकली सिक्‍के ढालने का टकसाल है हेमंत तिवारी : महिलाएं व नये नौजवान भी मैदान में : पढ़े-लिखे और शालीन ज्ञानेंद्र शुक्‍ला पत्रकारिता के सच्‍चे सेनानी : कुमार सौवीर लखनऊ : पात्र बदल गये हैं और कुछ […]

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सियाराम शरण त्रिपाठी: पत्रकार-शिष्‍यों को मालामाल कर गया

: वेतन का बीस फीसदी तक ईनाम बांटते थे सियाराम शरण त्रिपाठी, नए रंगरूटों का पूरा ख्याल रखते थे : प्रमोद जोशी-नवीन जोशी को खूब याद होगा बिरयानी काण्ड : मनोज त्रिपाठी कई अखबारों में संपादक जैसे पदों में रहे : मनोज तिवारी लखनऊ : स्वतंत्र भारत’ सिर्फ अशोक जी, योगीन्द्रपति जी, एस एन मुंशी जी […]

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स्‍वतंत्रभारत और पायनियर: निहारिये तो अतीत के अजीमुश्‍शान दस्‍तावेज

: अनेक मूर्धन्‍य पत्रकारों ने अपने पत्रकारीय-जीवन की शुरूआत इसी अखबार से की : लखनऊ में तब सिर्फ पायनियर प्रकाशन समूह की ही तूती बोलती थी : मेरे सर्वोत्‍तम सम्‍मानित व्‍यक्ति स्‍वर्गीय सियाराम शरण त्रिपाठी यहां मुख्‍य उप सम्‍पादक थे : कुमार सौवीर लखनऊ : एक वक्त था, जब राजधानी लखनऊ में सिर्फ और सिर्फ […]

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