किसानों ने नोंचा मोदी का पखौरा, जैसे मैंने 35 बरस पहले काटा था
: जैसे सिंधु-बार्डर पर किसान सर्दी से निपटने को दारू पी रहे : सात सौ लाशें बिखेरने पर न कोई दुख, न क्षोभ, न आत्मग्लानि, न क्षमा याचना : थोडा बुखार होगा, लेकिन जीत युगों तक फहरायेगी : बाद में राकेश चंद्राकर और अनिल शुक्ला ने मुझे बड़ा धोखा दिया : देवेंद्र आर्य बता रहे […]
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