ल्‍यौ ल्‍यौ। पॉलिटिकल-खेतों का ताजा-ताजा भारत-रत्‍न लै ल्‍यौ

: प्रणव दादा की खासी करीबी रिलायंस-समूह के अम्‍बानी-खानदान से है : अरूणाचल के पूर्व मुख्‍यमंत्री कलिखो ने 60 पन्‍ने के सुसाइड-नोट में बड़े नेताओं और दिग्‍गज जजों पर अरबों की रकम घूस की बात लिखी : कुमार सौवीर लखनऊ : इस बार भारत-रत्‍न तो कुछ इस तरह बांटा-लुटाया गया है, मानो ठेलिया पर सब्‍जीवाला […]

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शेषनारायण सिंह की टिप्‍पणी मेरे लिए भारत-रत्‍न से कम नहीं

: इससे क्‍या फर्क पड़ता है कि कई लोग मुझे नापसंद करते हैं, मुझे तो इस बात की तसल्‍ली है कि मैं सच बोलता-लिखता हूं : करीब पंद्रह बरस पहले भी मुझे फक्‍कड़ कबीर कहा गया था : आज भी उन लोगों की तादात बेहिसाब है जो मुझे नंगा अघोरी और अवधूत कहते हैं : […]

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सुतापा सान्‍याल को छोडि़ये, मेरी नजर में तो वह बहादुर बच्‍ची भारत-रत्‍न की हकदार है

: उसने अपनी दिखायी, और अपनी जिन्‍दगी को अपनी शर्त पर मौत के हवाले किया : दुराचारी और हत्‍यारे उस पर जुल्‍म ढाते रहे, मगर वह जूझती ही रही : फिर ऐसे आला अफसरों की क्‍या जरूरत, जो अपने दायित्‍वों को अपने स्‍वार्थो की वेदी पर बलि दे दें : चलिए, छेड़ दें “ना” कहने […]

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