चीथड़ा है तुम्‍हारी तहजीब-संस्‍कृति, हल्‍ला बहुत मचाते हो

: औरत को डायन बता कर गाँव भर में नंगा घुमाने से संस्कृति/तहज़ीब फलती फूलती है : सीने पर दुपट्टा न हो तो संस्‍कृति-तहजीब मरती है, और जीन्स और टीशर्ट के बीच कमर दिखे तो भी संस्कृति/तहज़ीब मरती है : ऐसी संस्कृति/तहज़ीब का न होना ही बेहतर : डॉ राजदुलारी बोकारो : सीने पर दुपट्टा […]

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