शेषनाग-स्‍वामी महादेव के गले में लिपट कर शर्माता हुआ नाग देखिये, नागपंचमी मुबारक हो

: शिव की प्रतिमा पर खूब फुंफकारता है नाग, लेकिन जीवन्‍त शिव से शरमा गया : बहुत टहोका, लेकिन टस से मस नहीं हुआ वह नाग : बोला कि, “मालिक, आप ही तो मालिक हो, मैं तो आपका सेवक हूं” : बोला:- “हुकुम कीजिए भगवन! किसे डंसना है?” मैंने जवाब दिया:- “मूर्ख। तू अब विश्राम […]

आगे पढ़ें