तंदूर से फ्रिजर तक : भुनती और जमती औरत

कबाब-ए-सींख की मानिंद मैं करवट बदलता हूंजो जल जाता है ये पहलू तो वो पहलू बदलता हूं।बीस साल पहले यूपी के एक वरिष्‍ठ आईएएस अधिकारी केके उपाध्‍याय ने यह शेर सुनाया था। तब वे लखनऊ विकास प्राधिकरण में सचिव के पद पर थे। आज वे इस द़श्‍यमान संसार में नहीं हैं, लेकिन उन्‍होने जो अनमोल […]

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