आज के रामराज्य में है “प्रधानमंत्री” की दैहिक सत्ता
: रामराज्य एक अदृश्य सत्ता वाली शासन व्यवस्था थी,जिसके प्रशासक भरत थे : रामराज्य के दौरान 14 वर्षों तक जनता की प्रशासन पर निर्भरता शून्य थी : खुद को सेवक कहनेवाले भरत की जगह राम बनते गये : कुमुद सिंह पटना : रामराज्य एक नैतिक शासन व्यवस्था थी जिसमें राजा एक्ट नहीं करता था रामराज्य […]
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