मुक्ति-मार्ग के ज्ञानी अष्टावक्र
अष्टावक्र बोले: मोक्ष की लालसा में हुआ ध्यान-योग भी व्यर्थ
विकलांग और कुरूप अष्टावक्र ने बदल दी ज्ञान की परिभाषा
सुख-दुख, आशा-निराशा, जीवन-मृत्यु को समान भाव से देखो
मोक्ष नहीं, बल्कि मुक्ति का मार्ग ही एकमात्र संमार्ग
गेरूए वस्त्र और संन्यास के बजाय आत्मा की शुद्धि जरूरी