सियाराम शरण त्रिपाठी: पत्रकार-शिष्‍यों को मालामाल कर गया

: वेतन का बीस फीसदी तक ईनाम बांटते थे सियाराम शरण त्रिपाठी, नए रंगरूटों का पूरा ख्याल रखते थे : प्रमोद जोशी-नवीन जोशी को खूब याद होगा बिरयानी काण्ड : मनोज त्रिपाठी कई अखबारों में संपादक जैसे पदों में रहे : मनोज तिवारी लखनऊ : स्वतंत्र भारत’ सिर्फ अशोक जी, योगीन्द्रपति जी, एस एन मुंशी जी […]

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पिता का मतलब तो सियारामशरण त्रिपाठी का बेटा जानता है। आई लव यू पापा

: काफ्का ने तो बाप नामक संस्था को अनजाने में ही बदनाम कर दिया : दुनिया में मशहूर साहित्यकार फ्रांक्वा काफ़्का शायद ठीक से समझ नहीं पाये : कुमार सौवीर बेहद बदशक्ल, असभ्य और अराजक होने के चलते अक्‍सर पिट जाता था : कुमार सौवीर लखनऊ : किसी की भी ज़िन्दगी में बाप की क्या […]

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स्‍वतंत्रभारत और पायनियर: निहारिये तो अतीत के अजीमुश्‍शान दस्‍तावेज

: अनेक मूर्धन्‍य पत्रकारों ने अपने पत्रकारीय-जीवन की शुरूआत इसी अखबार से की : लखनऊ में तब सिर्फ पायनियर प्रकाशन समूह की ही तूती बोलती थी : मेरे सर्वोत्‍तम सम्‍मानित व्‍यक्ति स्‍वर्गीय सियाराम शरण त्रिपाठी यहां मुख्‍य उप सम्‍पादक थे : कुमार सौवीर लखनऊ : एक वक्त था, जब राजधानी लखनऊ में सिर्फ और सिर्फ […]

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