सुब्रत-माल्या और अफसर-नेता मस्त, चूतिया हैं हम-आप

: कहते हैं सब कि यह रकम देश की है, लेकिन सब बेफिक्र : देश भाड़ में, देश में सवा अरब से ज्यादा दावेदार खामोश : कुमार सौवीर लखनऊ : एक तो बेहद समझदार, प्रबंधन-कुशल और त्वरा-निर्णय कर्ता होते हैं। जैसे विजय माल्या। जो कर्ज के नाम पर हजारों-लाखों करोड़ रूपया लेकर हमेशा-हमेशा के लिए […]

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