भाजपा को अपना अंगवस्त्र मानते थे सिद्धू, आज उतार डाला
: नवजोत सिंह सिद्धू, अगड़म-गमड़म शायरी के बेताज शाहंशाह, फास्ट-फूड स्टाइल में : नई रौशनी, यानी नवजोत ने जो भी काम सम्भाला, बेमिसाल बना दिया : कुल 13 हैं, गिन लीजिए, तेरहवीं में तेरह का बड़ा महत्व होता है न, इसलिए : कुमार सौवीर “क्या है नशा शराब का जो उतर जाए प्रभात, नाम खुमार […]
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