शेषनारायण सिंह की टिप्पणी मेरे लिए भारत-रत्न से कम नहीं
: इससे क्या फर्क पड़ता है कि कई लोग मुझे नापसंद करते हैं, मुझे तो इस बात की तसल्ली है कि मैं सच बोलता-लिखता हूं : करीब पंद्रह बरस पहले भी मुझे फक्कड़ कबीर कहा गया था : आज भी उन लोगों की तादात बेहिसाब है जो मुझे नंगा अघोरी और अवधूत कहते हैं : […]
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