गंगा तो पहचान है बनारस की, इसे गंदा मत करिये प्लीजः प्रो रिजवी

यूरोलॉजी में फरिश्ते के तौर पर पूजे जाते हैं डा अदीबुल रिजवी

: निशुल्क चिकित्सा के लिए सार्क देशों का इकलौता संस्थान है स्यूट : जौनपुर के अदीबुल ने पाकिस्तान में मानव सेवा का झंडा बुलंद किया : बंटवारे में बंट गया जौनपुर के जिगर का टुकड़ा :

कुमार सौवीर

वाराणसी : वह एक डाक्टर है। मानवता की सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित डाक्टर। इसीलिए सिर्फ मरीज ही नहीं, यूरोलॉजी के डाक्टरों की दुनिया में इस शख्स को निर्विवाद रूप से फरिश्ते के तौर पर स्वीकार किया जाता है। उनकी मौजूदगी देश-विदेश से आये यूरोलाजी के विख्यात डाक्टरों के लिए कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है, इसका अंदाजा तब देखने को मिला जब बीएचयू में चार दिनों तक चली अंतर्राष्ट्रीय यूरोकॉन में शामिल होने से वे दो दिन पिछड़ गये। मगर इस यूरोकॉन की असली शुरूआत तब ही हो पायी जब डॉक्टर सैयद अदीबुल हसन रिजवी का पदार्पण हो सका। दरअसल उनके वीजा पर उनका नाम ही गलत चढ़ गया था।

आगे पढ़ें