बरेली का झुमका जान-मारू होता है, गिर जाना ही बेहतर

: झुमके की तो सदा यह फितरत रही है कि उसे कही ना कही तो गिरना ही पड़ता है : साधना जी का झुमका भी अगर बरेली मे ना गिरता तो मुंबई मे गिर जाता : किस्सा-ए-झुमका, दास्तान-ए-बरेली : भारद्वाज अर्चिता बरेली : मकरंद भर ने बसाया था बरेली शहर ।  रोहिल्लाओ का राज रहा।  […]

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