जननी के आंसूं ना आयें!

क्यों दुनिया का दस्तूर यही है कि बेटी विदा होती हैक्यों बेटे ही बनते हैं बुढापे की लाठीक्यों ना बेटों को मिले नया घर,जहां पूरा करें वो हर सपना~~~ …नये घर में बेटे बनायें रिश्ते नयेअपनी पत्नी के घर को अपनायें!अगर आपका पुरुष अहम ना टूटेआओ ऍसा इक जहां बनायें! कुछ ना खोयेगा पुरुष भी […]

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