तो बोलो:- दल्ला-भांड़ पत्रकार की जय

‪: जो दल्ला होता है वह वाकई दल्ला ही रहता है हमेशा : पत्रकार बनने का मकसद रौब ऐंठना-दलाली, खबरों से वास्ता नहीं : दोस्तों, जब भी मौका मिले तो ऐसे दल्लों को ललुहाय लिया करो : मेहनताना ले लो, मगर खबरों की इज्जत मत बेचो धंधेबाज दल्लों : हरीनाथ यादव। गालियां तुम अपने घरवालों […]

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