सोचता हूं कि अब इन्‍हें गोमती में प्रवाहित कर दूं

: मुझ में भी एक शरीर है, उसमें कुछ शरारतें हैं : किसी भी विषय पर उमड़ने को आतुर भाव हैं : कुछ वायदें हैं, कुछ रसीली बातें हैं, कुछ आग्रही चिट्ठियां हैं : खुद से बार-बार परास्‍त होती विजय की जद्दोजहद है : कुमार सौवीर लखनऊ : मैं कुमार सौवीर हूं। लेखक और पत्रकार हूं, और यदाकदा […]

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