हुसैनगंज का जिल्दसाज और पंसारी छंगा ही है लखनऊ का लसोढ़ा-पन
: उस सामाजिक ताना-बाना में पूरा मोहल्ला अभिभावक था : अभी भी वक्त है म्यां। रिश्तों को जोड़ने के लिए लसोढ़ा उगाइये : जन्मजात होती है बच्चों में झूठ और चोरी की आदत, उन्हें सहजता से निपटाना जरूरी : पतंग लूटने या उसे दुरुस्त कराने की औकात होती, तो नयी कनकउव्वा न खरीद लेते : […]
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