“चापलूसी कर चमक चमचे गये, मैं जमूरा हो गया”

: दैनिक जागरण के नरेंद्र गुप्‍ता को भरे दफ्तर में विष्‍णु त्रिपाठी ने असलियत दिखा डाली : दास को एक दशक हो गया, आदमी था, घास-कूड़ा हो गया : जैसे पुरानी बजाज स्‍कूटर किक मारने के पहले 90 डिग्री की झुकाव मांगती है, ऐसे खांस-खंखार कर विष्‍णु त्रिपाठी ने तुक्‍तक पाठ शुरू किया : विष्‍णु […]

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