बुड्ढा सम्पादक अब बच्चा हो गया। चिड़ीमारी भी करता है
: शम्भू दयाल बाजपेई अब 64 प्लस हो गये। पहले खबरों से खेलते थे, अब सुबह-सुबह चिडि़यों से खेलते हैं : सफल – जीवन जानने को मानता था । खुद को जानना , जीवन – रहस्य को समझ लेना : सात महीना का पोता अब नया पाठ पढ़ा रहा है अपने पितामह को : दोलत्ती […]
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