दिखावे में रिश्ते-नाते छूट गए, बचपन के साथी कहां बचे?

: ज़िन्दगी से ब्लाक सभी रिश्ते अनब्लाक कर दें, तो खुशियों के पल मिल सकते हैं। मगर अहंकार भी तो है : तेरा मेरा नहीं, सब कुछ हमारा कहलाता था। अब बच्चों को कोई अपने कपड़े नहीं देता, ईगो और अहम् पीछा नहीं छोड़ता : आमिर किरमानी हरदोई : उन दिनों की बात है, जब […]

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