सैनिक संविधान में संशोधन टेढ़ी खीर साबित होगा
नेपिता : म्यांमार में विपक्ष की नेता आंग सान सू की ने बुधवार को राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की और अपनी इसी पेशबंदी के तहत उन्होंने म्यांरमार के सैनिक शासन द्वारा बनाये गये संविधान में संशोधन करने की मंशा जाहिर कर दी है। यहां का चुनाव अगले 2015 को होना है।
राजधानी नेपिता में पूर्व एशिया पर विश्व आर्थिक मंच को संबोधित करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता सू की ने सेना द्वारा तैयार संविधान में संशोधन की अपील की, जो उन्हें देश का नेतृत्व करने से रोकता है। लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि मैं राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ना चाहती हूं और मुझे यह बताने में कोई हिचक नहीं है। म्यांमार में 2015 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है।
आपको बता दें कि मौजूदा संविधान के तहत संसद द्वारा शीर्ष पद पर उस व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया जा सकता जिसका जीवनसाथी या बच्चा विदेशी नागरिक हो। सू की के दोनों बेटे और दिवंगत पति माइकल एरिस ब्रिटिश नागरिक हैं। माना जाता है कि यह शर्त सू की को निशाना बनाकर रखी गई है। संविधान के इस प्रावधान में बदलाव के लिए उन्हें संसद के 75 प्रतिशत सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। यह समर्थन जुटाना काफी कठिन होगा क्योंकि संसद में एक चौथाई सदस्य सेना के अनिर्वाचित सैन्य अधिकारी हैं। सू की ने कहा विशेषज्ञों का कहना है कि संशोधन करने के लिए यह दुनिया का सबसे कठिन संविधान है। इसलिए हमें आवश्यकताओं के मुताबिक संशोधन की शुरुआत करनी चाहिए।