तृणमूल के 2 सांसदों पर भी बर्खास्तगी की तलवार लटकी
: फायनेंस कम्पनी सारधा समूह ने जारी की कालिखपुती चिट्ठी : नलिनी के बहाने चिदम्बरम पर हमला करने में जुटी ममता बनर्जी : कोलकाता आने पर नलिनी चिंदबरम के सारे खर्च उठाता था सुदीप्त : नार्थ-ईस्टा चैनल के लिए भी बात हुई थी 42 करोड़ की उगाही : अकेले एक करोड़ रूपया के लिए वसूला था नलिनी चिदंबरम ने :
नई दिल्ली : पैसे की काली कोठरी में हालांकि तृणमूल पार्टी की ममता बनर्जी ने वित्त मंत्री चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम का नाम उछाल कर अपनी पुरानी रंजिश उखाड़ लिया है, लेकिन इस राजनीतिक आगजनी में अनजाने उनके दो सांसदों का भी नाम बुरी तरह झुलस चुका है। उधर हाल ही कश्मीर से दबोचे गये सारधा समूह यानी शारदा ग्रुप के चेयरमैन सुदीप्त सेन की चिट्ठी के चलते राज्य से लेकर केंद्र तक में हलचल मच गई है। सुदीप्त ने सीबीआई को सौंपे अपने खत में साफ लिखा है कि नलिनी चिदंबरम ने मुझे काफी नुकसान पहुंचाया है। आरोपों के मुताबिक जब भी नलिनी कोलकाता आती थीं तो उनकी हवाई यात्रा और होटल का खर्च मैं ही उठाता था। यही नहीं उन्होंने नलिनी पर आरोप लगाते हुए लिखा है कि नलिनी ने उन्हें उत्तर पूर्वी भारत में एक चैनल खोलने के 42 करोड़ रुपये देने के लिए कहा था। इस साल उन्होंने उन्हें नलिनी को एक करोड़ रुपये से अधिक राशि दी थी।
ममता बनर्जी इस खत को खूब भुनाने में जुटी हैं। अपनी पार्टी के अधिकृत वेबसाइट में उन्होंने सेन की इस चिट्ठी का जमकर इस्तेमाल किया है और बताया है कि किस तरह नलिनी के पीठपीछे चिदंबरम की करतूतें हुई हैं। सेन ने अपने पत्र में लिखा है कि नरसिम्हा राव सरकार में मंत्री रहे मतंग सिंह, उनकी पत्नी मनोरंजना सिंह और सुदीप्त के बीच हुई डील में नलिनी चिदंबरम वकील के तौर पर जुड़ी थीं। मनोरंजना सिंह ने हमसे संपर्क किया और अपने पॉजिटिव ग्रुप की बिक्री के लिए अपने वकील नलिनी चिदंबरम के पास ले गईं।
इधर,तृणमूल के दो सांसदों का नाम चिट्ठी में लिए जाने से उनपर भी राज्य सरकार की गाज गिरने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। तृणमूल सांसद कुणाल घोष और सृंजॉय बोस के खिलाफ चैनल के कुछ कर्मचारियों ने एफआईआर दर्ज की है। बताया जाता है कि तीन महीने से इन चैनल और अखबार के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा था। इसके एवज में मालिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
आरोपों से तिलमिलाई ममता अपनी सरकार का बचाव करते हुए शुक्रवार को सांसदों से इस्तीफा ले सकती हैं। इस बीच, चिट फंड मामले को लेकर वित्त मंत्रालय शुक्रवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाने की तैयारी में है। इस बैठक में अन्य मंत्रालय के आला अधिकारी भी शामिल होंगे। उधर, इस घोटाले की सीबीआई जांच के भी संकेत मिल रहे हैं।
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