ईशा देओल निबटायेंगी सुब्रत राय का संकट

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

सहारा इंडिया ने अपने विज्ञापन में बड़े-बड़े दिग्गज राजनेताओं के पर कतरे

बड़ी-बड़ी फिल्मी शख्सियतों के बीच चर्चाओं का धुंआ निकलने लगा

नई दिल्ली: अब तक झूठे दावों के बल पर धंधा करने वाले सुब्रत राय को अब पूरा यकीन हो चुका है कि सहारा इंडिया पर ताजा परेशानियों को ईशा देओल दूर कर देंगी। कम से कम सहारा इंडिया के 25 मार्च के एक पूरा पेज पर छपे विज्ञापन से तो यही संकेत हो रहा है कि अपने सिर पर पिछले कुछ महीनों से हो रही दिक्कतों को ईशा देओल निबटाने में पूरी तरह सक्षम होंगी। अब चाहे वह सर्वोच्च न्यायालय का सर्वोच्च फैसला हो या फिर सेबी या सैट का झगड़ा-झंझट, ईशा देओल नामक यह नव-यौवना का नाम और सूरत को देखते ही सारी मुश्किलें छू-मंतर हो जाएंगी। अब यह कैसे, कब और कहां मुमकिन हो पायेगा, इस बारे में सहारा इंडिया के लोगों से सम्‍पर्क नहीं किया जा सका।

दरअसल, सुब्रत राय की सुपौत्री रोशना के अन्न प्राशन का कार्यक्रम दिल्ली की एक बडे होटल में आयोजित किया गया था। बेहिसाब और बेमिसाल दिक्कतों-मुश्किलों से आजकल दो-चार हो रहे सुब्रत राय ने इस कार्यक्रम को अपनी दिक्कतों को टालने-सलटाने का माध्यम तक बना दिया। हमेशा माध्यम बनाया गया जोरदार पार्टियां, क्रिकेट और फिल्मी सितारे वगैरह-वगैरह। वैसे भी सुब्रत राय की पाटियों में हीरोइनों की भीड़ लगाना सुब्रत राय का खास शगल रहा है।

लेकिन इस बार सुब्रत राय ने एकसाथ इतने लोगों को बुला लिया कि लोगों को विश्वास तक नहीं आया। इस बार की पार्टी में नेताओं और राजनीतिज्ञों के साथ ही साथ कई राज्यपाल और संवैधानिक पदों पर बैठे भी बुलाये गये। हालांकि सहारा इंडिया की ताजा घटनाक्रमों के चलते और सुप्रीम कोर्ट व सेबी जैसी बड़ी सरकारी संस्थाओं के आदेशों के चलते खासी भद और छीछीलेदर हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद मीरा कुमार, प्रतिभा पाटिल, सुषमा स्वराज, दिग्विजय सिंह, उमा भारती, बीएल शर्मा, राजीव शुक्ला, राजीव कुमार रूडी जैसे लोग मौजूद हो गये।

एक वरिष्ठ  पत्रकार का कहना है कि सुब्रत राय की पोती का यह निजी कार्यक्रम और उसमें राजनीतिक हस्तियों को बुलाया जाना सहारा इंडिया की ताजा मुश्किलों से निपटने की एक पीआर कवायद है। जिसका मकसद है, निवेशकों के साथ ही नियामक-संस्थाओं को प्रभावित करना और सहारा इंडिया के सुब्रत राय इस बारे में दिल खोल कर पैसा खर्च कर रहे हैं। बावजूद इसके कि सहारा के इंडिया वाले अपने निवेशकों को सर्वोच्च  न्यायालय के आदेशों के प्रतिकूल होते हुए भी एक भी धेला-छदाम देने की स्थिति में नहीं है। इस पत्रकार का कहना है कि यह हालत सेबी जैसे शीर्ष संस्थाओं के मुंह पर एक जोरदार तमाचा ही है।

एक अन्य पत्रकार ने बताया कि इस कार्यक्रम में सुब्रत राय ने देश के राजनीतिज्ञों-नेताओं और कई संवैधानिक शख्सियतों को भी जमकर तमाचा मारा है। इस बारे में इस पत्रकार का कहना है कि इस कार्यक्रम का एक पेजी विज्ञापन ही इसका प्रमाण है। इस अन्न प्राशन कार्यक्रम के पांच दिन बाद जारी इस विज्ञापन पर सबसे और अहम शख्सियत को सहारा इंडिया और सुब्रत राय ने शीर्ष स्थान के तौर पर पेश किया है, वह हैं ईशा देओल। ईशा देओल सिनेतारिका हैं और सुब्रत राय की नजर में आने वाली वक्त की सबसे बड़ी फिल्मी शख्सियत हैं। हैरत की बात है कि बड़े-बड़े दिग्गजों को छोटे-छोटे फ्रेम में समेट देने के बाद केवल ईशा देओल को सर्वोच्चि स्थान दिलाने का मकसद जाहिर है इस तरह सहारा इंडिया और सुब्रत राय के हित में कोई अहम अहमियत रखना ही है। वरना छोटे-मोटे शख्सियतों के बीच ईशा देओल को सर्वोच्च स्थान पर रखना कोई खेल नहीं है।

यानी हो सकता है कि जल्दी ही ईशा देओल सहारा इंडिया और सुब्रत राय के हित में कुछ न कुछ हैरतअंगेज काम-मदद कर सकती है। जाहिर है यह फिल्मी शख्सियतों का मेला है तो कुछ न कुछ अंदाजा लोग-बाग लगायेंगे जरूर।

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