आप हिन्‍दुस्‍तानी घोड़े हैं, अरबी गधा बनने की कोशिश मत कीजिए

: रमजान में दिक्‍कत है तो धिया, बेप्‍सी, बागल, जधा और शूतिया भी बोलिये : कल इफ्तारी में बकोड़े बनवाइयेगा, तो हमें भी भेज दीजियेगा : अभी चप्पल उतार कर नहीं,  मेरे मूं पे शब्बल रसीद कीजिए : आमिर किरमानी इस रमज़ान की चांद रात को हमारे पड़ोसी ज़िया साहब हाथों में बड़ी बड़ी, सामान […]

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