हुर्रे, हम जीत गये। कांपते सुब्रत राय का ऐलान:- आपकी सारी मांगें मंजूर

: लगा, जैसे किसी विशाल मैदान में हजारों-लाखों सिंह-व्याघ्र एकसाथ दहाड़ रहे हों : जीत के लिए बेहद परिश्रम और जीत का उल्लास इसी तरह मनाया जाता है : हर सांस में जिजीविषा, हर पल हौसलों की लहर, हर कदम में जीत, हर धड़कन में जीवन्तता : नंगे अवधूत की डायरी पर दर्ज हैं सुनहरे दर्ज […]

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