तमाशबीन ! जो खुद फंसने पर पिल्लों सा किकियाते हैं

: तमाम क्रांतिकारी पत्रकार बहुत मिलेंगे जो सिम्पल पत्रकार में देशद्रोही ढूंढ खुश हों : कुत्तों को खाना खिलाने जा रहे थे, फालिज हुआ,  लोहिया अस्पताल से आकर जमानत ली : सत्येंद्र पीएस नई दिल्ली : सिद्दीक कप्पन को जानते ही होंगे। न जानते हों तो गूगल और यू ट्यूब पर सर्च करें। उनके नाम पर […]

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बड़ा पत्रकार ही दिखा सकता है बड़प्पन। जैसे विनोद कापड़ी

: रजत शर्मा के इंडिया टीवी में दूसरा स्थान पर थे कापड़ी। बाद में नौकरी-चाकरी छोड़ी, फ़िल्म बनाने लगे : जो लिखा, वह एक विशाल और खुले दिल-दिमाग वाले इंसान के बस की ही बात है : अजीमुश्शान शख्सियत का लोगों से तार्रुफ़ करने की कोशिश : कुमार सौवीर लखनऊ : मैं इस शख्स से […]

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