ससुराल को तेल लगाने वाले को हाकिम बनाते हैं शशिशेखर

: ताज्‍जुब नहीं कि एक दिन समूह संपादक के साथ पिता के बजाय गधे की फोटो छाप देंगे : जो काम में जुटा रहा, वह पचीस बरस से ढक्‍कन हैं, गधों को सल्‍तनत थमा दिया : जिसे लिखने नहीं, समझने तक की तमीज नहीं, उसको ओहदेदार बना डाला : कर्मठ अरविंद मिश्र इतना प्रताडि़त हुए […]

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