आम पाठक के खास संपादक को अलविदा !

: एक ही एक महान संपादक थे सोनी, और एक थे घनश्‍याम पंकज : ‘बरखुरदार, हम इनकी नहीं सुनेंगे तो कौन सुनेगा। सब जगह से नाउम्मीद होकर हमारे पास आते हैं। इन्हीं के दम पर अखबार इस मुकाम पर पहुंचा है’ : राजेश मित्तलनई दिल्‍ली : एक संपादक कैसा होता है? धीर-गंभीर। एक धुआंधार बुद्धिजीवी […]

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महान संपादकों ने निहाल किया, तो ओछे और छिछोरे भी मिले

: विनोद शुक्‍ला, घनश्‍याम पंकज, शशि शेखर और विश्‍वेश्‍वर कुमार जैसे घटिया संपादक भी मिले : मृणाल पांडेय, डॉ त्रिखा, मंगलेश डबराल, वीरेन डंगवाल, तडि़त कुमार, आनंद स्‍वरूप वर्मा, कमर वहीद नकवी, शेखर त्रिपाठी, अंशुमान त्रिपाठी और संतोष तिवारी ने मुझे नयी ऊंचाइयां दीं : कुमार सौवीर लखनऊ : कई दिग्‍गज और महान पत्रकारों से […]

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