गौरा ने छोड़ा नन्दी पर शेर, महादेव चारोंखाने चित्त

: सवा सौ बरस की स्मृतियां ताजा कर दी इस तैल-चित्र ने : तब के भगवान हमारे कोमल हृदय में बसते थे, अब दूरस्थ पाषाण-कारा में कैद : भांग में मस्त शिव-भोला पर गृहस्वामी का स्नेह-कोप। गणेश-कार्तिकेय आँचल में जा छुपे : सावन केवल शिव नहीं, पूरे परिवार का समारोह : भगवा ने समाज में […]

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