अपनों को बचाने के लिए इरोम शर्मिला चानू ने खुद को दांव पर लगा दिया
मणिपुर की लौह महिला का खिताब पाये शर्मिला पर मीडिया की नजर नहीं
सुरक्षा बलों को मिले असीमित अधिकार के खिलाफ हैं शर्मिला इरोम चानू
इंफाल में उग्रवादी के शक में मारे गये लोगों की घटना ने दहला दिया
इरोम शर्मिला चानू नामक युवती मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून 1958 हटाने की मांग को लेकर 10 वर्ष से अधिक समय से अनशन कर रही है। मणिपुर के मानवाधिकार कार्यकर्ता मुख्यधारा की भारतीय मीडिया से खफा हैं। उनकी नाराजगी का कारण है राष्ट्रीय मीडिया द्वारा भ्रष्टाचार के विरोध में अनशन कर रहे अन्ना हजारे को इरोम चानू शर्मिला से ज्यादा तरजीह देना। शर्मिला सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन के विरोध में 11 वर्षों से अनशन कर रहीं हैं, इसके बावजूद मीडिया द्वारा शर्मिला के इस आंदोलन की अनदेखी की जा रही है।
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