आ तो जाऊं, पर बेटा लौटा तो ?

इस कहानी के बहाने सोचिये कुछ रिश्तों की तड़प ( हर चीज का मौसम होता है, और इस शर्त पर आप कह सकते हैं कि जो नीचे लिखी बात लिखी गयी है, उसका कोई नजदीकी मौसम फिलहाल नहीं है। मसलन, न तो यह महिला दिवस है या न ही मातृ दिवस आदि। लेकिन मानवीय संवेदनाएं किसी दिन […]

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