जिद बच्चे की, सामर्थ्य अभिभावक की: बड़ा लोचा है यार
: अभिभावक के सामने सामर्थ्य का संकट होता है, जबकि बच्चे की ख्वाहिशें सर्वोच्च : दोनों ही पक्ष जमीन पर सितारे तोड़ लाना चाहते हैं, जबकि अभिभाव अपने बच्चे के लिए, जबकि बच्चा सिर्फ अपने लिए : निम्न मध्य वर्ग व निचले के आय वर्ग से ताल्लुक वाले परिवारों में यह द्वंद्व अनर्थकारी होता जा […]
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