आप अपनी संतान भीष्म जैसी चाहेंगे या कृष्ण ?

: आपकी प्रतिज्ञा निजी हित में है, कृष्ण के फैसले लोक-हित में : अनिश्चय और अनिर्णय से काल रथ से अजीवन रौंदे गए भीष्म : जबकि समय के अनुरूप फैसला करने वाला सर्वदा के लिए प्रकाश-स्तंभ बन गया : आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का यह निबंध आपके जकड़े द्वारों को खोलेगा : लखनऊ : (आचार्य […]

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