कमाने गये थे, लौटने में लुट गये। क्यों गये थे हम मुम्बई ?
: रिश्ता भी खोया, पैसा भी लुटाया और विश्वास भी हमेशा-हमेशा के लिए : घर-बदर जूठे पत्तल के जलने से निकला धुँआ बड़ा दमघोंटू निकला : कोरोना के किस्से -एक : शैलेश त्रिपाठी मुम्बई : सतीश मुम्बई से मौका लगते ही गाँव निकल गया। कोरोना काल मे शहर से गाँव पहुचने वालो के लिए 14 […]
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