मेरे दुख-सुख का भागीदार था कमाल खान

: दोस्‍त के रुखसत हो जाने पर उसके दुर्गुणों और गुणों का बखान करना जरूरी : चाहे मुस्लिम सभासदों को भड़काने की साजिशें या फिर बेटी का विवाह, कमाल खान हमेशा साथ रहा : पिता सियाराम शरण त्रिपाठी, रिचा, मित्र वीपी पांडेय, मां, चाची और अतुल पांडेय के बाद अब कमाल खान एक अपूरणीय क्षति […]

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यूपी बजट नहीं, सोशल इनफारमेशन डाक्यूमेंट था

: फाइनेंशियल इनफारमेटिव डाक्यूमेंट की अवधारणा ही लापता : खेतों में नीलगाय और मवेशी है, खेती-किसानी बर्बाद : विनय तिवारी लखनऊ : किसी भी बजट का मतलब होता है उसका फाइनेंशियल इनफारमेटिव डाक्यूमेंट, न कि सरकार का सोशल इनफारमेशन डाक्यूमेंट। लेकिन यूपी सरकार के ताजा बजट को देख कर तो केवल यही पूछा जा सकता […]

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