दुनिया के संकटों का समाधान हो सकता है पर्यूषण परंपरा

: मिच्छामी दुक्कड़म : मुझे मेरी “…” दुष्टताओं के लिए क्षमा कीजिए, मुझसे भूल हुई : अहंकार को क्षण-भर में पिघला सकती है क्षमा-याचना : त्रिभुवन उदयपुर : जैन पर्यूषण परंपरा का यह महान वाक्यांश समूची दुनिया के संकटों का समाधान हो सकता है, लेकिन यह शून्य होकर रह गया है। आपने या मैंने यह […]

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