काश ! मैं मर जाता, तो महान बाप बन जाता

: आज पापा की पुण्‍य-तिथि है : अच्‍छा ही रहा कि पापा 53 बरस की उम्र में दिवंगत हो गये : मौत हमेशा संदेहों, संशयों व शिकवा-शिकायतों को खत्‍म करती है : पितृ-दायित्‍वों को निपटा कर जल्‍दी ही दुनिया से विदा हो जाओ, तो दुनिया कोर्निश करेगी : कुमार सौवीर लखनऊ : मेरे पापा, यानी स्‍वर्गीय सियाराम शरण […]

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सियाराम शरण त्रिपाठी: पत्रकार-शिष्‍यों को मालामाल कर गया

: वेतन का बीस फीसदी तक ईनाम बांटते थे सियाराम शरण त्रिपाठी, नए रंगरूटों का पूरा ख्याल रखते थे : प्रमोद जोशी-नवीन जोशी को खूब याद होगा बिरयानी काण्ड : मनोज त्रिपाठी कई अखबारों में संपादक जैसे पदों में रहे : मनोज तिवारी लखनऊ : स्वतंत्र भारत’ सिर्फ अशोक जी, योगीन्द्रपति जी, एस एन मुंशी जी […]

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पापा ! मैं साक्षात बुद्ध हूं, बुद्धू हर्गिज नहीं

  : तो लो मित्रों, मैंने अपने पिता स्‍वर्गीय सियाराम शरण त्रिपाठी का श्राद्ध आखिरकार बिहार की मोक्ष-भूमि नामक किंवदंती पर कर ही दिया : शापित हो चुकी फाल्‍गु नदी नामक कलंकित और नदी-नुमा अभद्र-नीच बना डाली नाला-धारा पर पिता की स्‍मृति-शेष विसर्जित : कुमार सौवीर गया : मैं एक नायाब बुद्ध हूं, बुद्धू हर्गिज […]

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पिता का मतलब तो सियारामशरण त्रिपाठी का बेटा जानता है। आई लव यू पापा

: काफ्का ने तो बाप नामक संस्था को अनजाने में ही बदनाम कर दिया : दुनिया में मशहूर साहित्यकार फ्रांक्वा काफ़्का शायद ठीक से समझ नहीं पाये : कुमार सौवीर बेहद बदशक्ल, असभ्य और अराजक होने के चलते अक्‍सर पिट जाता था : कुमार सौवीर लखनऊ : किसी की भी ज़िन्दगी में बाप की क्या […]

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