मैं पत्रकारिता में रॉंग-फॉंट हूं: आनंदस्‍वरूप वर्मा

: पूरी दुनिया में नेपाल, भूटान और अफ्रीका पर अकूत गहन अध्‍ययन : 80 बरस के हो चुके हैं वर्मा जी, शुभकामनाएं और बधाइयां भी : बेधड़क और ईमानदारी का गजब साम्‍यता रखता है पत्रकारिता का यह अद्भुत प्रकाश-स्‍तम्‍भ : सच बात तो यही है कि कतिपय मामलों में मैं निजी तौर पर वर्मा जी […]

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महान संपादकों ने निहाल किया, तो ओछे और छिछोरे भी मिले

: विनोद शुक्‍ला, घनश्‍याम पंकज, शशि शेखर और विश्‍वेश्‍वर कुमार जैसे घटिया संपादक भी मिले : मृणाल पांडेय, डॉ त्रिखा, मंगलेश डबराल, वीरेन डंगवाल, तडि़त कुमार, आनंद स्‍वरूप वर्मा, कमर वहीद नकवी, शेखर त्रिपाठी, अंशुमान त्रिपाठी और संतोष तिवारी ने मुझे नयी ऊंचाइयां दीं : कुमार सौवीर लखनऊ : कई दिग्‍गज और महान पत्रकारों से […]

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पत्रकारिता में “फेल्‍ड-जीनियस” थे प्रमोद झा, नहीं रहे

: अमृत प्रभात से मैं उनको जानता हूं, मिलते ही तपाक से गले लगाते : खबर की समझ तो वाकई प्रभात झा को थी, आरएसपीआई एमएल से जुटे थे : पत्रकारिता में बेरोजगारी का दंश कुछ लोगों के व्‍यवहार के चलते पीड़ाजनक न बन पाया : कुमार सौवीर लखनऊ : पत्रकारिता में बेरोजगारी हमेशा बहुआयामी […]

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मृणाल पाण्‍डेय न होतीं तो ढह जाती पत्रकारिता

: दायित्‍व-पत्रकारिता की इमारत में लसोढा हैं मृणाल पाण्‍डेय : ललई यादव ने पूरी गुंडई के साथ दो पत्रकारों का कैमरा पैरों से तोड़ा : निजी नहीं, पत्रकारिता के कुनबे को जोड़ने की अद्भुत शैली बनायी तडि़त कुमार और आनंदस्‍वरूप वर्मा ने : कुमार सौवीर लखनऊ : पत्रकारिता में अगर मैंने सबसे बेमिसाल अट्टालिका की […]

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सुब्रत राय: जब पुलिसवाले ने रंगकर्मी के सीने पर बन्दूक लगा दी

: सहारा इंडिया के खिलाफ जेहाद में हथियार बना नुक्कड़ नाटक : ढोल-मंजीरा, गीत, नुक्कड़ नाटक और शहर भर में तहलका : धीरे-धीरे बड़े पत्रकारों ने भी हमारा दामन मजबूत किया : नंगे अवधूत की डायरी पर दर्ज हैं सुनहरे चार बरस- आठ : कुमार सौवीर लखनऊ: हां, तो अगले दिन से हम लोगों ने […]

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सहारा प्रेस मतलब चकल्लस, चकल्लस और सिर्फ चकल्लस

लगते थे जोरदार नारे:- सुब्रत ढम्पो का, सुब्रत लम्पो का सहारा में भगदड़ शुरू, देवरिया में निवेशकों ने कर्मियों को बंधक बनाया नंगे अवधूत की डायरी पर दर्ज हैं सुनहरे दर्ज चार बरस ( नौ ) कुमार सौवीरसहारा प्रेस मतलब चकल्लस, चकल्लस और सिर्फ चकल्लस strick-on-sahara-india-press लखनऊ: यकीन मानिये, मुझे खुद भी पता नहीं है कि […]

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जब पुलिसवाले ने रंगकर्मी के सीने पर बन्दूक लगा दी

: सहारा इंडिया के खिलाफ जेहाद में हथियार बना नुक्कड़ नाटक : ढोल-मंजीरा, गीत, नुक्कड़ नाटक और शहर भर में तहलका : धीरे-धीरे बड़े पत्रकारों ने भी हमारा दामन मजबूत किया : नंगे अवधूत की डायरी पर दर्ज हैं सुनहरे चार बरस- आठ : कुमार सौवीर जब पुलिसवाले ने रंगकर्मी के सीने पर बन्दूक लगा […]

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