सरकारी विद्यालयों में शिक्षा खिलती है, निजी स्‍कूलों में सत्‍यानाश

: तुलनात्‍मक करना शुरू कीजिए, तो सरकारी स्‍कूलों का कोई मुकाबला ही नहीं : क्‍या मधुलिका, क्‍या ममता और क्‍या शुभम, एक से बढ़ कर एक श्रेष्‍ठ नमूने हैं सरकारी स्‍कूलों में : आपको अपने बच्‍चे को रट्टू तोता बनाना है, या बुद्धिमान और आत्‍मविश्‍वास से लबरेज इंसान : प्रशिक्षित शिक्षकों की फौज है सरकारी […]

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कुरैशी नया राहुल सांकृत्‍यायन हैं। थाईलैंड को जी लिया

: अपनी अंधी गली से बाहर नहीं निकले तो आपको दुनिया समझ में न आयेगी : आपकी विवशता है कि आप पृथ्वी से बाहर कदम नहीं रख सकते, लेकिन पृथ्‍वी की दुनियादारी को कितने लोग सम्पूर्णता में देख पाते हैं : छोटी बेटी साशा सौवीर अपनी एक सहेली शिखा के साथ कुछ दिन तक बैंकॉक […]

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लो, आ गया जमालगोटा

: च्‍यवनप्राश के साथ विनाशाय च दुष्‍कृताम और परित्राणाय साधूनाम का डंका बजेगा : अपवित्रों-पापियों की पृष्‍ठभूमि में बिना छीला बांस उगायेगा च्‍यवनप्राश व जमालगोटा : जगत-काय को स्‍वस्‍थ करेगा साशा सौवीर का सद्य-स्‍तनपायी जमालगोटा अवतार : कुमार सौवीर लखनऊ : एक पढ़ा-लिखा और अपने अध्‍ययन को लेकर समर्पित रहा व्‍यक्ति जब चंद नोटों के […]

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आओ वक्‍त रहते शिकवे-गिले मिटा लें… क्‍या पता ! कल हो, न हो

: न जाने कौन कब हमारी जिन्‍दगी की किताब से अपना पन्‍ना फाड़ कर चला जाए : कई बार खबरें जब रोने पर मजबूर कर रही हैं : मैं खिड़की से दुहरे मास्‍क लगाकर प्‍लेट में सुबह-शाम ऐसे खाना डालती हूं मानो वह कोई अस्‍पृश्‍य हो: साशा सौवीर नई दिल्‍ली : ‘आज एक हंसी और […]

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एक बाप का “बाबर” बन जाना

: बेटी को कोराना हो गया, तो दहल गया बाप : बीमार हुमायूं को बचाने के लिए बाबर ने पलंग के सात चक्‍कर लगाये थे, मैंने घर का चक्‍कर लगा दिया : क्षेपक झूठ के आसमान में उगते हैं, जबकि सच हकीकत की जमीन पर : कुमार सौवीर लखनऊ : ज़हीरुद्दीन मुहम्मद बाबर और उसके […]

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डेंगू से ग्रसित एक महिला की जिन्‍दगी खतरे में, दौड़ पड़ी बच्चियां

: जिनकी डीएनए में यह आदत है, नियमित रक्‍तदान करना आपको संतोष और दूसरों को जिन्‍दगी देता है : सवाल प्रशंसा जुटाना नहीं, किसी का जीवन बचाना खुद को प्रेरणा दे जाता है : मैं केवल आत्‍म-स्‍तुति नहीं मानता, लेकिन अगर जो अगर यह करना भी चाहें तो इसमें हर्ज क्‍या : कुमार सौवीर लखनऊ […]

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आइये सुनिये, बेगम हमीदा हबीबुल्लाह के दिल की बात

लम्हों ने खता की, सदियों ने पाई सजा

: बेगम का जन्म सन-21 में हैदराबाद में हुआ : शिक्षा-दीक्षा के बाद पिता के साथ लखनऊ आईं : यहीं सन-38 में मेजर जनरल हबीबुल्ला से निकाह :

साशा सौवीर

लखनऊ : चेहरे पर झुर्रियां, कंपकंपाती आवाज, धुंधली याद्दाश्त, लेकिन आंखों में गजब की चमक और मन में युवतियों को आगे बढ़ते देखने ललक। कुछ ऐसी है की शख्सियत। 90 वर्ष की उम्र में भी वह स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हुए रक्त पात को याद कर क्रोधित हो उठती हैं। महात्मा गांधी का जिक्र आते ही भावुक हो उठती हैं और याद करती हैं, कैसे वह कई-कई दिन तक अनशन पर बैठ जाते थे, अपने लिए नहीं, उन लोगों के लिए जिनको थी आजादी की आस।

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उम्र के आखिरी पड़ाव में भी बिखर रहे रिश्ते

बहुत किया सब्र, अब ना-काबिल-ए-बर्दाश्त है यह दर्द

: पारिवारिक न्यायालयों में तेजी से बढ़ने लगे हैं अधेड़-दम्पत्तियों में तलाक के मामले : बच्चों को पैरों में खड़ा करने के बाद ही अर्जी है डिवोर्स की : चुप्पी तोड़ कर आजादी चाहती हैं महिलाएं :

साशा सौवीर

लखनऊ : केस एक-55 वर्षीय विमला स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। 57 वर्ष के उनके पति कमल इंजीनियर हैं। विवाह को तीस साल हो गए और अब विमला अलगाव चाहती हैं। उनके पति ऐसा नहीं चाहते इसलिए पिछले कई महीनों से विमला पारिवारिक न्यायालय के चक्कर काट रही हैं। उनके तीनों बच्चे ब्रिटेन में रहते हैं। 

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उम्र के आखिरी पड़ाव में भी बिखर रहे हैं रिश्ते

पति की प्रताड़ना से जवानी नर्क, बुढ़ापे तो ठीक हो : सिर्फ बच्चों के भविष्य के लिए सहन करती रहीं यह महिलाएं : पारिवारिक न्यायालय में लगातार दायर हो रहे हैं ऐसे मामले : साशा सौवीर लखनऊ: केस एक- 55 वर्षीय विमला स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। 57 वर्ष के उनके पति कमल इंजीनियर हैं। विवाह को […]

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