दूसरों का रेंगना हमारे अहम को सन्तुष्ट करता है

: पूरा देश में पलायन की भगदड़ है, केरल शांत है : हर ओर भयावह अनिश्चितता है, केरल स्थिर है : केरल में संवेदनाओं का समंदर है, बाकी जगह भावुक चीत्कार : रति सक्सेना मैं पूरे देश से सड़कों पर चलते मजदूरों को देख रही हूँ, भूख को देख रही हूँ गरीबी को भी, यह […]

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