परिवहन विभाग: एक अफसर बड़ा कुदक्‍कड़, दूसरा शांत-कर्मठ

: ब्‍यूरोक्रेसी वाले सिक्‍के के दो चेहरे, एक पाखंड के लिए खजाना लुटाता है, दूसरा खामोशी से ड्यूटी : निगम ने हर बस का किराया वसूला, दूसरे ने साढे पांच हजार बसों की व्‍यवस्‍था नि:शुल्‍क : कुमार सौवीर लखनऊ : नौकरशाही के भी कई-कई चेहरे होते हैं। इनमें दो चेहरे तो बहुत ही खास हो […]

आगे पढ़ें

बड़ी डाल से कूदा परिवहन निगम का “हातिमताई”

: केवल “जन और लोक-कल्‍याण” की ही चिंता में न जाने कितनी डालों में कूदा : आका की देखादेखी बाकी अफसर भी झूठ, बेईमानी, अनुशासनहीनता और भयावह लूटपाट शुरू करें तो अचरज क्‍या : कुमार सौवीर लखनऊ : हातिमताई बड़ा कारसाज था। उसे केवल “जन और लोक-कल्‍याण” की ही चिंता रहती थी। बस का ही […]

आगे पढ़ें

योगी जी। सफेद झूठ बोलता है आपका एमडी

: चुटकियों में आंकड़ों में साढ़े दस लाख यात्रियों का घोटाला : 12 जून के एक ट्वीट में साढ़े 21 लाख श्रमिक का दावा, जबकि दूसरे में 32 लाख : फर्जीवाड़ा सुनहले भगवा रंग से उकेरा गया : कुमार सौवीर लखनऊ : कोरोना-काल के दौरान लॉकडॉउन के दौरान यूपी की ब्‍यूरोक्रेसी के कई अफसरों की […]

आगे पढ़ें

“आओ बकलोली पेलें” यानी ABP में हथनी पर प्राइम टाइम

: रूबिका लियाकत लगभग रोते हुए अंदाज में बहस कर रही : तुम लोगों का एक ही इलाज है और वह जनता है …हाथ में जूता : ट्रेन में भूख और प्यास से 80 से ज्यादा मजदूर मारे जाते हैं : पवन सिंह लखनऊ : एक बहस शुरू हुई। चौपाल के अंदाज में। एक तर्क […]

आगे पढ़ें

प्रवासियों को भगाने के बाद केजरीवाल का नया दांव

: चौधरी चरण सिंह और महेंद्रटिकैत होते तो दिल्‍ली को अन्‍न-सब्‍जी और दूध सप्‍लाई रोक कर जवाब देते : सिर्फ दिल्‍लीवालों का ही इलाज कराने की तैयारियां : तुम हमें इलाज नहीं दोगे, तो हम तुम्‍हारी दिल्‍ली को रोटी नहीं देंगे : कुमार सौवीर लखनऊ : केजरीवाल ने सुझाव मांगा है कि दिल्‍ली के बाहर […]

आगे पढ़ें

कमाने गये थे, लौटने में लुट गये। क्‍यों गये थे हम मुम्‍बई ?

: रिश्‍ता भी खोया, पैसा भी लुटाया और विश्‍वास भी हमेशा-हमेशा के लिए : घर-बदर जूठे पत्तल के जलने से निकला धुँआ बड़ा दमघोंटू निकला : कोरोना के किस्से -एक : शैलेश त्रिपाठी मुम्‍बई : सतीश मुम्बई से मौका लगते ही गाँव निकल गया। कोरोना काल मे शहर से गाँव पहुचने वालो के लिए 14 […]

आगे पढ़ें

एमडी साहब ! रोडवेज को कोरोना-वाहन बना देंगे तुम्‍हारे अफसर

: बस अड्डों पर न छिड़काव हुआ, न कर्मचारियों को मास्क, सेनेटाइजर या ग्लव्स : खुद पर मौत का साया, सुरक्षा का पैसा अफसरों की जेब में : कर्मचारियों में भय, प्रवासियों को कैसे पहुंचाएं उनके घर : दोलत्ती संवाददाता लखनऊ : हालात तो यही बताते हैं कि रोडवेज बसों को कोरोना-वाहन बनाने पर आमादा […]

आगे पढ़ें