अमर उजाला की मस्‍त “इष्‍टैल”। पहले थूको, फिर चाट लो

: पुलिस कमिश्‍नरेट प्रणाली को महान बताया, अगले ही दिन उसी महानता को रद्दी में फेंका : कानपुर दंगा पर सरासर झूठ अफवाहें, फिर लखनऊ को निकृष्‍ट कार्यप्रणाली माना : श्रेष्‍ठ पुलिसिंग करने वाले दस जिलों में एक भी कमिश्‍नरेट प्रणाली से नहीं संचालित : कुमार सौवीर लखनऊ: अपने ही हाथ से, अपने ही जूते […]

आगे पढ़ें

अमर उजाला: तुम खबर लिखते हो, या पुलिस की दलाली

: कानपुर में दंगा बारह घंटों तक, लिखा कि डेढ़ घंटे में निपटाया : एडीजी-एलओ की प्राइवेट-प्रैक्टिस कर रहे हैं अमर उजाला वाले : बेहूदा हेडिंग कि कमिश्‍नरेट के अफसर न पहुंचते तो पूरे कानपुर में फैलता था दंगा, यानी बाकी जिलों के अफसर गांजा फूंकते हैं : कुमार सौवीर लखनऊ: कानपुर का दंगा करीब […]

आगे पढ़ें

बोले, अपराधी पछताएंगे। और नवेली बहू को पकड़ लाये

: कानपुर पुलिसकर्मी हत्‍याकांड में एडीजी उवाच ? : नौ दिन पहले ही तो शादी हुई थी खुशी की, आज वह बेगुनाह हिरासत में : ऐसी हरकतें समाज में पुलिस की छवि बिगाड़ देंगी : कुमार सौवीर लखनऊ : पुलिस का काम होता है एक्‍शन लेना, बयानबाजी करना नहीं। लेकिन यूपी में कानून-व्‍यवस्था का जिम्‍मा […]

आगे पढ़ें