मैं पत्रकारिता में रॉंग-फॉंट हूं: आनंदस्‍वरूप वर्मा

: पूरी दुनिया में नेपाल, भूटान और अफ्रीका पर अकूत गहन अध्‍ययन : 80 बरस के हो चुके हैं वर्मा जी, शुभकामनाएं और बधाइयां भी : बेधड़क और ईमानदारी का गजब साम्‍यता रखता है पत्रकारिता का यह अद्भुत प्रकाश-स्‍तम्‍भ : सच बात तो यही है कि कतिपय मामलों में मैं निजी तौर पर वर्मा जी […]

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पत्रकारिता में कलंक है हेमंत तिवारी, लेकिन मुकदमा है फर्जी

: दलित-ब्राह्मण में कुकुर-झौंझौं, महिलाओं की हालत द्रौपदी सी : दलित-पत्रकारिता में राजेद्र अपना खूंटा सलामत रखने की जद्दोजहद में जुटे : हेमंत तिवारी की पहचान धंधेबाज, घटिया और कलंक। राजेंद्र ने हेमंत की नस दबोच डाली : राजेंद्र का तो पता नहीं, लेकिन हेमंत की पत्‍नी निहायत शालीन : कुमार सौवीर लखनऊ : पत्रकारिता […]

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घन घमंड गरजत चहुं ओरा: जेल में ठूंसे गये पत्रकार जुबैर

: हृषिकेश मुखर्जी अगर जिन्‍दा होते, तो दिल्‍ली पुलिस उनको भी गर्दनिया देकर जेल में सड़ा डालती : आकाश में बादलों की गर्जना से मन डरने लग जाय तो क्या सोचें कि त्रेता है या कलयुग : पत्रकार-जगत में तेजी से काले बादलों को छांटने के लिए जनार्दन यादव का यह लेख वाकई आंख खोलने […]

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शेषनारायण सिंह स्‍मृति व्‍याख्‍यान आज दिल्‍ली में

: महान श्रेणी में रहे शेषनारायण की प्रथम पुण्‍यतिथि पर आयोजन : विषय होगा पत्रकारिता का आज और कल : राज्‍यसभा के उप सभापति हरिवंश करेंगे अध्‍यक्षता : कंस्‍टीट्यूशन क्‍लब ऑफ इंडिया में होगा समारोह : दोलत्‍ती संवाददाता लखनऊ : सुल्‍तानपुर के लम्‍भुआ जैसे एक निपट ग्रामीण और नागरिक सुविधाओं से अछूते इलाके से निकल […]

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दैनिक भास्‍कर के समूह-संपादक कल्‍पेश ने इश्‍क में सुसाइड कर लिया

: देश की सबसे चर्चित आत्‍महत्‍या-नगरी बन चुकी है इंदौर : कैसे मरे जैन-मुनि संत विमद सागर और कितनी नीचता तक गिर चुके भइयू जी। अब कल्‍पेश का नम्‍बर : सलोनी अरोड़ा ने कल्‍पेश को गन्‍ने की तरह चूसा, फिर न जाने थूक डाला : महिला सशक्तिकरण के बहाने कल्‍पेश याग्निक ने पत्रकारों को आत्‍महत्‍या […]

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पत्रकारिता में “फेल्‍ड-जीनियस” थे प्रमोद झा, नहीं रहे

: अमृत प्रभात से मैं उनको जानता हूं, मिलते ही तपाक से गले लगाते : खबर की समझ तो वाकई प्रभात झा को थी, आरएसपीआई एमएल से जुटे थे : पत्रकारिता में बेरोजगारी का दंश कुछ लोगों के व्‍यवहार के चलते पीड़ाजनक न बन पाया : कुमार सौवीर लखनऊ : पत्रकारिता में बेरोजगारी हमेशा बहुआयामी […]

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लल्‍लनटॉप का चढ्ढी में पत्रकारिता करना स्‍टार्ट

: प्रमुख डिस्‍कशन में भारत को 99 साल का लीज बताया गया अंग्रेजों को : आईटी-यूनिवर्सिटी से जारी वाट्सऐप सूचनाएं युवाओं से लेकर बुड्ढों तक में दिमाग में बिगाड़ चुकी : युवती बोली कि तब के नेता अगर झूठ न बोलते तो भारत हमेशा बरकरार रहता : युवती चिल्‍लाती रही, लेकिन लल्‍लनटॉप वाले केवल मजा […]

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पहली नौकरी, जो ज्वाइनिंग से पहले ही छोड़ दी

: संपादक का कमरा मार्केटिंग सेक्शन में बरामदा की दूरी पर था : एक ही झटके में सपने बिखर गए : पूरे बैच ने पत्रकारिता को लात मारी, हम बेरोजगारी में पहाड़ खोदने निकले हैं : योगेश मिश्र लखनऊ : कॉलेज का तीसरा और आखिरी साल शुरू हुआ. अब वक़्त था करियर को शुरुआती आकार […]

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बलिया के पत्रकार चाटेंगे शिलाजीत। पूंछ रखेंगे पिछवाड़े में

: रतन की हत्या दो दिन पहले ही करने की योजना थी, कारण अवैध-संबंध भी : पत्रकारों की औकात उनकी पूंछ से आंकिये : दोलत्ती पर हमला करेंगे सियार, साहस तो देखिये : कुमार सौवीर बलिया : चूल्हे पर भोजन पकाने वाली पुरानी पीढी हमेशा पतीली में खुदबदाते चावल के दो-चार दानों को उंगलियों से […]

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न जाने कहां छिपे-दुबके रहे “श्वान-श्रृगाल”

: न आजतक का अकेला आया, और न पशुवत पशुपतिनाथ : वार्तालाप आमंत्रण हेतु कई संदिग्ध फोन आये : मैंने अपनी जगह आमंत्रित किया, उनके यहां नहीं : कुमार सौवीर लखनऊ : पिछले तीन दिनों से बलिया में हूँ। बंसी-बांसुरी बजाते इधर-उधर भ्रमण कर रहा हूं। लेकिन पत्रकारिता की एक भी “विष-कन्या” मेरे सामने नहीं […]

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पत्रकारिता सिर्फ रोटी नहीं, अभिव्‍यक्ति का माध्‍यम भी है

: न्‍यूज-रूम में अगर मैं होता तो दीपक चौरसिया को तमीज सिखा देता : लिखना और बोलना पहले पायदान पर, जबकि कूटना आखिरी पायदान पर : सुब्रत राय, विश्‍वेश्‍वर कुमार, यशवंत राणा, विवेक अवस्‍थी और विनोद शुक्‍ला की तरह हरकत कीजिए, जवाब फौरन दूंगा : कुमार सौवीर लखनऊ : न्यूज़ नेशन चैनल में ग्रुप-डिस्कशन के […]

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लखनवी कुत्ते की जन्मदिन पार्टी मुंबई में

: मुम्‍बई में हिंदी पत्रकारिता का गिद्धभोज-ब्रह्मभोज सम्‍पन्‍न : कुख्‍यात पूर्वांचली नेता की पार्टी में श्‍वान-नेता का सम्‍मान : अनीता शुक्‍ला मुम्‍बई : त्राहिमाम! त्राहिमाम! इंद्र दरबार में अचानक आदि पत्रकार देवर्षि नारद का आर्तनाद गूंजा। ‘क्या हुआ देवर्षि? मंगलवेला में यह आर्तनाद क्यों?’ महाराज, कुल विनाश की और है। पत्रकारिता मृत्युशैया पर पड़ी है।‘ […]

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व्‍यंग्‍य-कविता: पहचानिये ऐसे पत्रकारों को

: व्‍यंग्‍यकार आत्माराम यादव पीव बता रहे हैं अधिकांश पत्रकारों का चाल-ढाल : यह व्‍यक्ति नहीं हैं, बेफिक्र घूमते सांड़ होते हैं। समाज पर भार हैं : आत्माराम यादव पीव शहर में इनकी खूब चर्चा है अतिक्रमण हटाने वाली टीम के अधिकारियों से चलता खर्चा है। ये शौकीनमिजाज है सभी जगह खबू चरते-फिरते है सांडों […]

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बनारस में दैनिक भास्‍कर को मुंह छिपाने लायक नहीं छोड़ेगा यह संपादक

: रूटीन की खबरें जब संपादक लिखेगा, तो रिपोर्टर फिर सुलभ शौचालय में बस जाएंगे : बस चले तो पूरे अखबार की हर लाइन में अपनी अपना ही नाम छपवा ले : चर्चाएं हैं कि मूर्खतापूर्ण विषयों पर डॉक्‍टरी छांटा करते हैं डॉ वरूण कुमार उपाध्‍याय : इंटरव्‍यू का आधा से ज्‍यादा हिस्‍सा बकवादी को […]

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पत्रकारिता छोड़ हलवाई की दूकान खोल ली कौशलेंद्र ने

: जर्नलिज्‍म में भूखों मरने से बेहतर होता है रेस्‍टोरेंट खोल कर दूसरों का पेट भरना : पत्रकारिता में अब सिर्फ या तो दर्दनाक भुखमरी पसरी है, या फिर विशुद्ध दलाली : मेधा और क्षमता का बेहतर इस्तेमाल तो होगा : कुमार सौवीर लखनऊ : जर्नलिज्‍म में क्‍या बचा है। पत्रकारिता में अब सिर्फ या […]

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